तू भीख न देगी तो मैं शोर मचा दूंगा
हर मांगने वाले को तेरा पत्ता बत्ता दूंगा
तेरे दर पे जिसने भी ...जयमाँ
झोली फेलाई है ...जयमाँ
तुने मैया उसकी तक्कदीर बनायीं है
तेरे नाम की जिसने भी ..जयमाँ
माँ ज्योत जगाई है ..जयमाँ
हर विप्दा पे उसकी तू बनी सहाई है
तेरी रहमत के किस्से सारे जगको सुना दूंगा
तू भीख न देगी तो मैं शोर मचा दूंगा
हर मांगने वाले को तेरा पत्ता बत्ता दूंगा
तेरे द्वार पे अब तक माँ ...जयमाँ
न हुई सुनवाई है ...जयमाँ
तेरे कानों तक आंबे पोह्न्ची न दुहाई है
अब तक तेरे बच्चो ने ...जयमाँ
तेरी आस लगाई है ...जयमाँ
मैं कैसे कहूं सबको पत्थर की माई है
मैं अपनी भक्ति से पत्थर पिगला दूंगा
तू भीख न देगी तो मैं शोर मचा दूंगा
हर मांगने वाले को तेरा पत्ता बत्ता दूंगा
तू अप्रमपार है माँ ...जयमाँ
तेरा पार ना पाया है...जयमाँ
कणकण में हे दाती तेरा नूर समाया है
चंचल की समझ मे हे माँ...जयमाँ
बस अब यह आया है..जयमाँ
यह दुख सुख मय्या जी सब तेरी माया है
तूम सब की सून्ती हो मैं सब को सूना दूंगा
तू भीख न देगी तो मैं शोर मचा दूंगा
हर मांगने वाले को तेरा पत्ता बत्ता दूंगा
तेरे दर पे जिसने भी ...जयमाँ
झोली फेलाई है ...जयमाँ
तुने मैया उसकी तक्कदीर बनायीं है
तेरे नाम की जिसने भी ..जयमाँ
माँ ज्योत जगाई है ..जयमाँ
हर विप्दा पे उसकी तू बनी सहाई है
तेरी रहमत के किस्से सारे जगको सुना दूंगा
तू भीख न देगी तो मैं शोर मचा दूंगा
हर मांगने वाले को तेरा पत्ता बत्ता दूंगा
तेरे द्वार पे अब तक माँ ...जयमाँ
न हुई सुनवाई है ...जयमाँ
तेरे कानों तक आंबे पोह्न्ची न दुहाई है
अब तक तेरे बच्चो ने ...जयमाँ
तेरी आस लगाई है ...जयमाँ
मैं कैसे कहूं सबको पत्थर की माई है
मैं अपनी भक्ति से पत्थर पिगला दूंगा
तू भीख न देगी तो मैं शोर मचा दूंगा
हर मांगने वाले को तेरा पत्ता बत्ता दूंगा
तू अप्रमपार है माँ ...जयमाँ
तेरा पार ना पाया है...जयमाँ
कणकण में हे दाती तेरा नूर समाया है
चंचल की समझ मे हे माँ...जयमाँ
बस अब यह आया है..जयमाँ
यह दुख सुख मय्या जी सब तेरी माया है
तूम सब की सून्ती हो मैं सब को सूना दूंगा
तू भीख न देगी तो मैं शोर मचा दूंगा
द्वारे खोलो भिखारी आये है ....भंडारे खोलो भिखारी आये है
English version of this bheint Written by Dhiren Sarin ... Jai mata dee........///
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