uchchayaan pahaadaan vaaliiye
nigaah niveyaan de vl jaraa maariiha
lekhaan dii likhaarii daatiiye ho mere bigade lekh sanvaarii
बल्ले-बल्ले
ओय फक्कढाँ नू ताज दे देंवे
मे मौहताज गरीब नमाणा
सावाँ विच्च तू वस्सदी
तेरी आरती करण ना जाणा
मेन्दी वाले हथ्थ फेर के...... मय्या मेन्दी वाले हथ्थ फेर के
हो मेरे कर्मां दा रूप श्रन्गारीं
उच्चयाँ पहाढाँ वालीये
निगाह निवेयाँ दे व्ल जरा मारीः
लेखाँ दी लिखारी दातीये हो मेरे बिगढे लेख संवारी
बल्ले-बल्ले
गोदीयाँ च बाल बक्शदी
अखों अनेयाँ नु दे रोशनाई
पिंगले.. पहाढ़ चढ़ गए
कीती मेहर जीना ते महामाई
जग नु रचाण वालीये ...मैया जग नु रचाण वालीये
दाती ..मरे वी कष्ट निवारी
उच्चयाँ पहाढाँ वालीये
निगाह निवेयाँ दे व्ल जरा मारीः
लेखाँ दी लिखारी दातीये हो मेरे बिगढे लेख संवारी
बल्ले-बल्ले
चरणा-च रहण रेहमता
तेरे दर्र उत्तों मिलण मुरादाँ
बागी दियां नहीं पोह्न्चीयाँ
तेरे कन्नां तक क्यों फ़रियादां
८४ वाले गेढ कट के ..मैया..८४ वाले गेढ कट के
मेनू भव -सागर चों तारीं
हो मेरे बिगढे लेख संवारी
उच्चयाँ पहाढाँ वालीये
निगाह निवेयाँ दे व्ल जरा मारीः
लेखाँ दी लिखारी दातीये हो मेरे बिगढे लेख संवारी
nigaah niveyaan de vl jaraa maariiha
lekhaan dii likhaarii daatiiye ho mere bigade lekh sanvaarii
बल्ले-बल्ले
ओय फक्कढाँ नू ताज दे देंवे
मे मौहताज गरीब नमाणा
सावाँ विच्च तू वस्सदी
तेरी आरती करण ना जाणा
मेन्दी वाले हथ्थ फेर के...... मय्या मेन्दी वाले हथ्थ फेर के
हो मेरे कर्मां दा रूप श्रन्गारीं
उच्चयाँ पहाढाँ वालीये
निगाह निवेयाँ दे व्ल जरा मारीः
लेखाँ दी लिखारी दातीये हो मेरे बिगढे लेख संवारी
बल्ले-बल्ले
गोदीयाँ च बाल बक्शदी
अखों अनेयाँ नु दे रोशनाई
पिंगले.. पहाढ़ चढ़ गए
कीती मेहर जीना ते महामाई
जग नु रचाण वालीये ...मैया जग नु रचाण वालीये
दाती ..मरे वी कष्ट निवारी
उच्चयाँ पहाढाँ वालीये
निगाह निवेयाँ दे व्ल जरा मारीः
लेखाँ दी लिखारी दातीये हो मेरे बिगढे लेख संवारी
बल्ले-बल्ले
चरणा-च रहण रेहमता
तेरे दर्र उत्तों मिलण मुरादाँ
बागी दियां नहीं पोह्न्चीयाँ
तेरे कन्नां तक क्यों फ़रियादां
८४ वाले गेढ कट के ..मैया..८४ वाले गेढ कट के
मेनू भव -सागर चों तारीं
हो मेरे बिगढे लेख संवारी
उच्चयाँ पहाढाँ वालीये
निगाह निवेयाँ दे व्ल जरा मारीः
लेखाँ दी लिखारी दातीये हो मेरे बिगढे लेख संवारी
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