Sunday, September 12, 2010

FULLA DA BNAYA TERA HAAR SHERAWALIYE ...फुलाँ दा बनाया तेरा हार शेराँवालीये



न मैं कवि ,न गायक ,न भगत पुरा....किसे कला दा न कलाकार हाँ में....
बुद्दिहीन, मस्तकीन ,मैं दीन दाती.......वड्डा सारयाँ तोँ गुनहगार हाँ में.....
तेरे चरणा दी चाहना धुल दाती, भुख्खा मान दा न साहुकार हाँ में....
केवल जौश.. दी्दार दा.. दिल अंदर....,तेरे सेवकाँ दा सेवादार हाँ में.....
तेरे सेवकाँ दा सेवादार हाँ में....
बोलो सच्चे दरबार की जय .....
फुलाँ दा बनाया तेरा हार शेराँवालीये
गोदी-च बिठाके देदे प्यार शेराँवालीये
गोदी-च बिठाके देदे प्यार शेराँवालीये,औ..

भगत ध्यानू ने ध्यान तेरा लायासी
कट्टे होए घौढे दा माँ शीश मिलाया सी
शहन्शाह दा तोढेया अहँकार शेराँवालीये
गोदी-च बिठाके देदे प्यार शेराँवालीये,औ..


शिवा जी ने देश सेवा लई वर मंगया
शक्ति ने चौला ओंदा केसरी सी रंगया
दित्ती ओदे हथ तलवार शेराँवालीये
गोदी-च बिठाके देदे प्यार शेराँवालीये,औ..

चंडी रूप धारके तू दुष्टाँ नू सी मारया
श्राद्दा जिन्दी तेरेते तू औंदा बेढा तारेया
सबनाँ लयि खुल्ला तेरा द्वार शेराँवालीये
गोदी-च बिठाके देदे प्यार शेराँवालीये,औ..






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