Thursday, November 3, 2011

Sai Ve Sadi Fariyad (Hindi Lyrics)






जद्दों इश्क दे कम्म नु हत्थ लाईये ...पहले रब दा नाँ ध्यायिये जी |
तद्दों शायरी ,शायर दे वल्ल होवे जद्दो इज्जत हजुर तो पाईये जी ||
पल्ले दोल्तां होण ते वण्ड देईये ..ओ बंदी छोढेया ना सध्वाइये जी |
वारसशाह लढ़ नाळ प्यारेयाँ दे नबी इश्क दी बात चलाईये जी ||
SAI , SAI वे साड्डी अरदास लेखे , SAI वे खेर साड्डी झोलियाँ च पायीं ,SAI वे नीवें हो के टुरना सीखायीं , SAI वे बोत्ता मगरूर ना बनायीं..

SAI , SAI वे साड्डी अरदास लेखे , SAI वे खेर साड्डी झोलियाँ पायीं ,SAI वे नीवें हो के टुरना सीखायीं , SAI वे बोत्ता मगरूर ना बनायीं..
SAI वे साड्डी अरदास लेखे लायीं , SAI वे खेर साड्डी झोलियाँ पायीं ,SAI वे नीवें हो के टुरना सीखायीं , SAI वे बोत्ता मगरूर ना बनायीं Sai वे दुखियां दे दुःख ना वधावीं sai वे भुलेयाँ दी भूल ब्क्शावीं ,sai वे सुरां वाली पींग ते झुलायीं Sai वे ताल साड्डे सावाँ वसायीं,sai वे डिगेयाँ नु उठना सीखायीं ,sai वे हर वेले होसला वधायीं ,sai वे सच्ची सुच्ची नियत जगायीं ,sai वे मेल साड्डे दिलां चो मुकायीं ,sai वे हर वेले लाज तुं बच्चायीं ,sai वे किसे दा मुथाज ना बनायीं ,sai वे अर्जां ते गोर फर्मायीं ,sai वे अपने वचन तू निभायीं ,sai वे मंदेयाँ नु चंगा तू बनायीं ,sai वे जग दीयां बुराईयां तो बच्चायीं ,sai वे हक ते हलाल दी खवायीं ,sai वे सच्च दे असुलाँ ते चलायीं ,sai वे श्रधा ते सबुरी वंड जायीं ,sai वे सुख दीयां घड़ियाँ विखायीं ,sai वे बोतियाँ उड्डीकाँ ना करायीं ,sai वे भगतां दे घर आयीं जाई ,sai वे साड्डी भगती ना आज्मायीं ,sai वे किसी दी कसोटी ना घसायीं ,sai वे कर्मा दी पोथी ना पढ़ायीं ,sai वे पापां वाली पंड ना च्वायीं ,sai वे सानु साड्डे दोष ना गिनायीं ,sai वे देखीं कित्ते हासा ना बनायीं ,sai वे बच्चेयाँ ते करम कमायीं sai वे ...HOO ..SAI..वे बाहाँ फड बेढा बन्ने लायीं....
SAI वे साड्डी अरदास लेखे लायीं , SAI वे खेर साड्डी झोलियाँ पायीं ,SAI वे नीवें हो के टुरना सीखायीं , SAI वे बोत्ता मगरूर ना बनायीं Sai वे दुखियां दे दुःख ना वधावीं
SAI वे साड्डी अरदास लेखे .....................................................
"मेह्रंवालेया साइयां रक्खीं चरणा दे कोल "
sai वे किसी नु वी भूखा ना स्वायीं sai वे सबना दे घर सुख पायीं sai वे सब दीयां असां नु पुजयीं sai वे सबना दे कष्ट मिटायीं sai वे दिलां विच्चों वेर तू मिटायीं sai वे सबना नु प्यार तू सिखायीं sai वे सब नु तर्कीयाँ करायीं sai वे भला सब लेयी चाहीं sai वे सबना दी इज्ज़त वधायीं sai वे साड्डे मुहो एहो अख्वायीं sai वे कम्-कार सब दे वधायीं sai वे कंडेयाँ तो सब नु बच्चायीं sai वे सबना ते फुल बरसायीं sai वे घर -घर रोणकाँ लगायीं sai वे शगणा दे मेले तू रचायीं sai वे छोटेयाँ नु सेवा तू सिखावीं
sai वे वड्डेयाँ दे दिलां नु वधायीं sai वे जंग ते जनून तो बच्चायीं sai वे दुनिया नु सिदधे राहे पायीं sai वे सब्र -सकून वर्तायीं sai वे अमन अमान फेलायीं sai वे किसे नु यतीम ना बनायीं sai वे किसे दा सुहाग ना मिटायीं sai वे जग दे गुनाहों तो बचायीं sai वे ज़ख्मां नु होर ना वधायीं sai वे ज़ख्मां ते मरहम लगायीं sai वे ऐसा तू माहोल रचायीं sai वे दिलां विच्चों खोफ नु मिटायीं sai वे प्यार ते महोब्तां सिखायीं sai वे जिंदगी दी राह तू व्खायीं sai वे सच्ची मुच्ची साईं तू कहायीं HOO ..SAI..हो लाज संदीप दी बचायीं
SAI वे साड्डी अरदास लेखे लायीं , SAI वे खेर साड्डी झोलियाँ पायीं ,SAI वे नीवें हो के टुरना सीखायीं , SAI वे बोत्ता मगरूर ना बनायीं Sai वे दुखियां दे दुःख ना वधावीं
SAI वे साड्डी अरदास लेखे .....................................................
"मेह्रंवालेया साइयां रक्खीं चरणा दे कोल"

__/\__ JAI SAI JAI MATA DEE ||



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