जब तक माँ आज्ञा नहीं देती मुहँ से "जय माता दी" नहीं निकलता दर्र पे जाना तो और भी दूर की बात है ,अगर आज्ञा मिलती है तो मन के तार बजने लगते हें ...दिल का डाकिया कहता है उठो भगतो माँ के दर से पत्र आ गया है ...नरेन्दर चंचल
माता जिनको याद करे वोह लोग निराले होते हैं।
माता जिनको नाम पुकारे किस्मत वाले होते हैं।
चलो-चलो जी चलो-चलो,.. चलो-चलो जी चलो चलो
बुलावा आया है ...बुलावा आया है ..बुलावा आया है
माता ने बुलाया है .......
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